Friday, 9 December 2011

पीने का बहाना

हमें तो बहाना चाहिए पीने के लिए
एक और घूंट चाहिए जिंदगी जीने के लिए
गम में पीतें है हम, की दुनिया भुला दें
खुसी में पिता तो मजा ही निराली होती

हम पिने वाले ही जानते है  पिने का मजा
जिसने नहीं पिया शराब उसका जीना भी क्या जीना
पीने के बाद जो मैंने छू लिया तारो को
मन तो बस दीवाना सा हो गया है


शराब पीना श्वास्थ के लिए हानिकारक है
कभी तुम भी नशे में झूम के चल के देखना
अपने डगमगाते कदम का मजा ले के देखो
अपनों ने तो ज़माने भर का ठोकर दिया
पर ज़ख्मो से अब नहीं डरता अब ये परवाना

जब प्यार में पाया बेवफाई,
जिन्दगी मैंने जाम से पाई
जब से शुरू किया मैंने पीना
ये तो बन गया मेरे खुसी का अफशाना

पीना ही है मेरे सुख दुःख का साथी
जिसे मेरे सिवा मेरे दुनिया से कुछ लेना नहीं
शराब का प्याला मैंने हाथो में लिया
अपने गमो को भूलता चला गया

रघुवर झा

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