Saturday 24 December 2011

बस प्यार ही काफी

शादीशुदा जिंदगी में अक्सर दो मुश्किलें आती हैं एक तो रिश्ते में पहले जैसी गर्माहट नहीं रहती और दूसरा घर में अनबन होना आम बात हो जाती है. कई लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी को सही तरह से चलाने के लिए कई तरह के काम करते हैं. कोई पूजा करवाता है तो कोई अपनी पत्नी का पुजारी बन जाता है, कोई पत्नी अपने अच्छे भले कॅरियर को छोड़कर पतिदेव की सेवा में लग जाती है. तमाम कर्मकाण्ड करने के बाद भी रिश्तों में अनबन जारी रहती है.
 लेकिन तमाम जुगाड़ लगाने के बाद भी लोग एक एक्स फैक्टर को भूल जाते हैं जिसके सहारे दुनिया के सारे रिश्ते चलते हैं और वह है प्यार. प्यार एक ऐसा अहसास है जो हर कमी को पूरा कर देता है. प्यार किसी बेसहारा को भी सहारा देने में सक्षम होता है. शादी के बाद अधिकतर पत्नियों का यही कहना होता है कि अगर उनके पति सिर्फ उनसे सच्चा प्यार ही करें तो उनके लिए उतना ही काफी है.

पतियों की भी यही इच्छा है कि उनकी पत्नी उनसे चन्द मिनट प्यार से बात करे ताकि वह दिन-भर की थकान और भूख प्यास को भूल जाएं.

प्यार एक ऐसा एक्स फैक्टर है जो आपकी शादीशुदा जिंदगी में ना सिर्फ नया रंग भर देगा बल्कि आपकी गाड़ी को सालों तक के लिए जवां कर देगा. प्यार का मतलब यहां बिस्तर में साथ सोना नहीं बल्कि वह छोटी छोटी बातें हैं जिनसे किसी को खुशी मिलती है जैसे छुट्टी वाले दिन पतिदेव का पत्नी के कामों में हाथ बंटाना, पति जब काम से घर लौटे तो पत्नी का उसे पानी देना और हालचाल पूछ्ना. वरन् पति द्वारा कभी-कभी सप्राइज गिफ्ट देना जैसे छोटे-छोटे कामों से भी आपकी जिंदगी में प्यार बना रहेगा.

रिश्तों में प्यार की अहमियत को नजरअंदाज मत करिए. हर रिश्ता प्यार की बुनियाद पर ही बना होता है जिसे जितना प्यार मिले वह उतना बढ़ता है.

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