जिन्दगी क्या है? क्या सिर्फ मौज करना ही जिन्दगी है ? जिन्दगी सिर्फ खुश रहने को कहते हैं , या सिर्फ जीना ही जिन्दगी है, इससमे सुख के साथ दुःख क्यूँ , जीवन के साथ मौत क्यूँ, पयार के साथ बेवफाई क्यों...दोस्तों जिन्दगी के दो पहलु होते है...एक सुख और दूसरा संघर्ष का....जिन्दगी चुनौतियों से भरा हुआ है..इसे स्वीकार्य करे तथा अपने आपको साबीत करें, चुनौतीयो से डर
कर भागना नहीं है.."ना पूछो की मंज़िल कहा है,अभी तो बस सफ़र का इरादा किया है. ना हारेंगे हौसला उम्र भर,किसी और से नही ..खुद से वादा किया है"...
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